Sunday, July 18, 2021

Prajna Mantra 7

प्राज्ञ मंत्र
इस संसार में जो कुछ भी घटित हो रहा है 
वह सब प्राकृतिक है, 
सब प्रकृति द्वारा हो रहा है। 
प्रकृति बना भी रही है और बिगाड़ भी रही है। 
लेकिन अहंकारवश जिसकी बुद्धि बिगड़ी हुई है, 
वह कहता है- मैं “कर्ता" हूँ। 
वह कहता है- मैंने यह घर बनाया। 
मैंने इतना पैसा कमाया। 
अरे भाई, जरा सोचो! 
आपको यह अवसर दिया किसने है ? 
यह अवसर देने वाला भी परमात्मा ही है। 
जब उसकी इच्छा होती है, 
आपको अवसर मिल जाता है तो 
आप छोटे से बड़े हो जाते हो 
और जब आप से अवसर छीन लिया जाता है 
तब आप बड़े से फिर छोटे हो जाते हो।
इसलिए उसे जानो और उसे ही सब कुछ मानो,
स्वयं को नहीं ......।
                - स्वामी सत्यप्रज्ञानन्द सरस्वती

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